
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने समारोह में आरएसएस की तुलना प्रतिबंधित संगठन सिमी से की थी और कहा था कि पीएम मोदी और आरएसएस के लोग दादागीरी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा आरएसएस और पीएम मोदी से अलग है। पीएम मोदी और आरएसएस को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारा काम तोड़ने का नहीं, जोड़ने का है।

कांग्रेस का काम लोगों को जोड़ना
राहुल गांधी ने अपनी दादी को याद करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी में हिंसा के खिलाफ खड़े होने का हौसला था। जब 1947 में हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए थे, तब इंदिरा गांधी मदद के लिए खड़ी हुई थीं। दंगे कुछ लोगों द्वारा किए जाते हैं, लेकिन हमारा काम लोगों को जोड़ने का है। इंदिरा गांधी की यही विचारधारा थी। एक बार इंदिरा गांधी ने देखा कि कुछ लोग एक कमजोर आदमी को मार रहे थे, उन्होंने आदमियों से कहा कि उसे छोड़ दो। हिम्मत वाले हो, तो मुझे मारो। उसके बाद वे लोग चुप हो गए, एक अंगुली भी नहीं उठा पाए... न इंदिरा गांधी पर, न उस आदमी पर।
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