
'मेलऑनलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस के प्रभाव वाले इराकी शहर मोसुल में आतंकियों ने 15 वर्षीय लड़के अयहाम हुसैन को कथित तौर पर एक पोर्टेवल सीडी प्लेयर से पॉप ट्यून्स सुनते पकड़ लिया था। जिसके बाद आईएस ने उसे गिरफ्त में ले लिया और इस्लामी कंगारू कोर्ट ले जाया गया। जहां उसे सार्वजनिक तौर पर मौत दिए जाने की सज़ा सुना दी गई।
नाइनवेह मीडिया सेंटर के एक प्रवक्ता ने एआरए न्यूज को बताया, "एयहाम को उसके पिता के ही एक ग्रॉसरी स्टोर में जिहादियों ने पॉप म्यूजिक सुनते पकड़ लिया था। जो पश्चिमी मोसुल के नाबी यूनिस मार्केटप्लेस में स्थित है।" उसके शव को मंगलवार को उसके परिवार को सौंप दिया गया है।
ये हत्या शहर में पहली ऐसी हत्या बताई जा रही है जो संगीत सुनने के 'आरोप' में दी गई है। जिससे स्थानीय लोगों में काफी नाराज़गी फैल गई है। बताया जा रहा है, कि शरिया कोर्ट की तरफ से कोई भी औपचारिक फैसला नहीं है, जो पश्चिमी संगीत सुनने पर प्रतिबंध लगाता हो।
आईएस ने इराक और सीरिया की सीमाओं में अपनी रूढ़िवादी न्याय व्यवस्था थोप रखी है। जिसमें 'ईशनिंदा' और 'समलैंगिक' होने के कथित 'अपराधों' के लिए कैदियों की हत्या कर दी जाती है। दो साल पहले एक बयान में आतंकी संगठन ने कारों, पार्टी, दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर संगीत और गाने सुनने पर भी प्रतिबंध लगाया था।
इसमें कहा गया, "संगीत और गाने इस्लाम में प्रतिबंधित हैं। क्योंकि वे किसी को भी 'अल्लाह' और 'कुरान' को याद रखने से रोकते हैं। वे दिलों को 'लालची और भ्रष्ट' बनाते हैं।" इसी हफ्ते की शुरुआत में आईएस ने सीरिया में अपने कब्जे वाले शहर रक्का में एक कैदी का सिर तीन फीट की तलवार से काटकर धड़ से अलग कर दिया था।
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