
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कुमार ने किताब में दाऊद से हुई बातें और उससे जुड़ी अहम बातों का खुलासा किया है। किताब के मुताबिक, 1993 का समय था। मुंबई धमाके हाल ही में हुए थे। जांच पूरी तेजी से चल रही थी। दिल्ली से सुभाष सिंह ठाकुर, भाई ठाकुर, चंद्रकांत पाटिल और परेश देसाई सहित दाऊद के गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। जब इन लोगों के घरों की तलाशी ली गई तो भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पूछताछ में और लोगों को गिरफ्तार करने में मदद मिली। इनमें से एक अहमद मनसूर था जिसे दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वह डी कंपनी का हवाला कारोबार देखता था और दाऊद को बचपन से जानता था।
कुमार ने किताब में लिखा कि मनसूर ने बताया कि दुबई में दाऊद राजा की तरह रहता है। उसे क्रिकेट और बॉलीवुड के प्रति काफी लगाव है। यही नहीं, वह जो कह देता मुंबई में उसे 'कानून' मान लिया जाता। रियल इस्टेट, आर्थिक मामले, फिल्मों की रिलीज डेट जैसे मुद्दे दाऊद की \'कोर्ट\' में तय होते थे। बॉलीवुड से जुड़ी लगभग सभी हस्तियां उसके यहां अपनी हाजिरी लगाती थीं। यही नहीं, उसे एक बॉलीवुड अभिनेत्री बेहद पसंद थी और दोनों ने गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी। दोनों के एक बेटा है जो बेंगलूरु में रहता है और उसकी देखभाल का जिम्मा अभिनेत्री की बहन के पास है।
कुमार की किताब में कहा गया है कि जब दाऊद को पता चला की उसके भाई अनीश ने बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को हथियार दिए हैं तो वह बेहद नाराज हो गया था।
कुमार ने आगे बताया कि जब मैंने दाऊद से जब संजय दत्त को हथियार देने की बात पूछी तो उसने माना की अनीश ने अभिनेता को हथियार दिए थे। उन दोनों की मुलाकात दुबई में हुई थी जब \'यलगार\' फिल्म की शुटिंग वहां चल रही थी। संजय ने यह हथियार अपने परिवार की सुरक्षा के लिए मांगे थे और अनीश ने उन्हें मुहैया भी करवा दिए थे। बॉलीवुड अभिनेता को इसी जुर्म में जेल की सजा सुनाई गई थी।
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