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        बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी ने गुजरात में 22 नवंबर को होने वाले चुनाव में पार्टी ने बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है। कुल 8,434 उम्मीदवारों में से 500 से अधिक मुस्लिम हैं। 

      जानकारो के अनुसार बिहार में हुई हार और गुजरात में पाटीदारों के विरोध के चलते भाजपा ने इस बार 500 मुस्लिम उम्‍मीदवारों पर दांव खेला है। पार्टी ने सारा समीकरण दरकिनार कर केवल जीत की संभावना को देखते हुए उम्‍मीदवार चुना है।

        पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन की वजह से मुख्‍यमंत्री आनंदी बेन पटेल को डर है कि कहीं उनकी पार्टी का वोटबैंक कम न हो जाए। पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल ने करीब दस लाख लोगों की रैली कर ली थी। पाटीदार इस चुनाव में भी काफी सक्रिय हो गए हैं। वे खुल कर भाजपा का विरोध कर रहे हैं। यहां तक कह रहे हैं कि खूंखार अपराधी को चुन लो, पर भाजपा को वोट मत दो। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम उम्‍मीदवारों से बड़ा भरोसा है। बीजेपी ने वेरावल-सोमनाथ से 10 मुस्लिम उम्‍मीदवारों को टिकट दिया है।
       इतनी बड़ी संख्‍या में मुस्लिम कैंडिडेट उतारने से बीजेपी काडर नाराज है, लेकिन पार्टी लीडरशिप कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात का मुख्‍यमंत्री पद संभालने वाली आनंदी बेन पटेल के लिए पहली बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि पार्टी उसी उम्‍मीदवार को टिकट दे रही है, जिसकी जीत की संभावना 100 प्रतिशत हो। इसी रणनीति के चलते पहली बार, बीजेपी ने अहमदाबाद में 4, जाम नगर में 6 और राजकोट में 2 मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं। भाजपा के उम्‍मीद है कि 500 में से 350-400 मुस्लिम उम्‍मीदवार जीतेंगे। बता दें कि गुजरात में 22 नवंबर को 56 नगर निगमों, 31 जिला पंचायतों और 230 तालुका पंचायतों के चुनाव होने हैं।



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