कंपनियों की परेशानियां होंगी कम : जीएसटी लागू होने पर कंपनियों की परेशानियां और खर्च कम होगा। एक ही वस्तु का अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना होगा। व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इससे सामान बनाने की लागत घटेगी।
कांग्रेस का विरोध : कांग्रेस की मांग 18 फीसदी जीएसटी तय करने की है, जबकि सरकार इसका नियंत्रण अपने पास रखना चाहती है। यह सबसे बड़ा कारण है कि कांग्रेस इस बिल का समर्थन नहीं कर रही है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी चाहती है कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे उत्पादक राज्यों में लगने वाले एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स को खत्म किया जाए।
राज्यों की आशंका : राज्य पैट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे राज्यों की आय पर असर पड़ेगा। हालांकि केंद्र ने राज्यों को राहत दे दी है कि इन वस्तुओं पर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें। राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र करेगा। इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा।
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