दुमका ज़िले (झारखंड) के स्थानीय प्रशासन ने एक नायाब शुरुआत की है। दुमका ज़िला प्रशासन ने 7 अक्टूबर को एक आदेश निकाला है जिसमें व्हाट्सएप के ग्रुप एडमिन और फेसबुक के सदस्यों के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया गया है।
यह बातें कहीं गई हैं…
1. ग्रुप एडमिन वही बने जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण ज़िम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो।
2. अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित होने चाहिए।
3. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा ग़लतबयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफ़वाह बन जाए, पोस्ट किए जाने पर कार्रवाई करे (ग्रुप से हटा दे)।
4. सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना चाहिए।
5. अफ़वाह/भ्रामक तथ्य /सामाजिक समरसता के विरूद्ध तथ्य पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिए।
6. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
1. ग्रुप एडमिन वही बने जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण ज़िम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो।
2. अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित होने चाहिए।
3. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा ग़लतबयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफ़वाह बन जाए, पोस्ट किए जाने पर कार्रवाई करे (ग्रुप से हटा दे)।
4. सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना चाहिए।
5. अफ़वाह/भ्रामक तथ्य /सामाजिक समरसता के विरूद्ध तथ्य पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिए।
6. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
फेसबुक पोस्ट को लेकर भी यही नियम लगाए गए हैं
7. दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट/साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि पिछले कई मौकों पर ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जिसमें सोशल मीडिया ख़ासकर ह्वाट्सएप पर ग़लत जानकारी वायरल होने के कारण क़ानून और व्यवस्था के बिगड़ने का ख़तरा बना है। दुमका के ज़िलाधिकारी के मुताबिक़ तक़रीबन सात-आठ महीने पहले ज़िला प्रशासन की ओर से ये प्रयोग शुरू किया गया है।
7. दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट/साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि पिछले कई मौकों पर ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जिसमें सोशल मीडिया ख़ासकर ह्वाट्सएप पर ग़लत जानकारी वायरल होने के कारण क़ानून और व्यवस्था के बिगड़ने का ख़तरा बना है। दुमका के ज़िलाधिकारी के मुताबिक़ तक़रीबन सात-आठ महीने पहले ज़िला प्रशासन की ओर से ये प्रयोग शुरू किया गया है।