हॉलीवुड फिल्मों में ऐसे हथियार को देखा होगा जिसे अक्सर एलियन इस्तेमाल करते हैं। ये हथियार एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक शॉक क्रिएट करता है। जिससे बिजली से चलने वाली सभी चीज़ें खराब हो जाती हैं। आपको बता दें कि ये हथियार अब सिर्फ कल्पना मात्र नहीं है अमेरिकी एयरफ़ोर्स ने ऐसी ही क्षमताओं वाला एक हथियार बना लिया है।
US एयर फोर्स ने इसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्लस वीपेन का नाम दिया है। अमेरिका जल्द ही इसे ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल कर सकता है। ये हथियार किसी भी तरह के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को चुटकियों में तहस-नहस कर सकता है। इस हथियार की सबसे अच्छी बात ये है कि ये तय निशाने पर ही हमला करने में सक्षम है इसलिए कोलेटरल डैमेज (जान-माल का नुक्सान) की सम्भावना बेहद कम रहती है। इस हथियार का नाम एयरफ़ोर्स ने Ocean's 11 रखा है। इसे बम की कैटेगरी में लिस्टेड किया गया है लेकिन ये बम अपने निशाने के आलावा आस-पास की किसी चीज़ को नुक्सान नहीं पहुंचाता है।
फिलहाल इस हथियार को CHAMP यानी Counter-electronics High-powered Microwave Advanced Missile Project के नाम से जाना जाता है। अमेरिकी सेना के मुताबिक वो लोग ऐसा हथियार डेवलप करना चाहते थे जो न्यूक्लियर बम की क्षमता रखता हो। अभी जिन हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है वो शहरों या आबादी वाले इलाकों में लोगों के लिए बेहद क्रूर साबित होते हैं। ये बम सीधे टारगेट के सभी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक यंत्रों को ख़राब कर देंगे जिसके बाद उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सकेगा।
अमेरिकी एयरफ़ोर्स इस प्रोजेक्ट पर कई सालों से काम कर रही थी और इसके शुरूआती टेस्ट में 100 प्रतिशत सफलता हासिल हुई है। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी सेना ने साल 2012 में इस हथियार का एक बेहद सफल परीक्षण किया था। इस परीक्षण के दौरान अमेरिकी सेना ने दुश्मन बिल्डिंग में मौजूद सभी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियारों को ख़राब कर दिया जिसके बाद उसे आसानी से निशाना बनाया जा सका था। इस हमले में किसी भी तरह के सिविलियन नुकसान की सम्भावना नहीं थी।
अमेरिकी एयरफ़ोर्स रिसर्च लैबोरिट्री के कमांडर मेजर जनरल टॉम मासिलो के मुताबिक CHAMP एयरफ़ोर्स के इस्तेमाल के लिए बेहद उपर्युक्त हथियार है। फिलहाल इसकी इजाज़त 5 फाइटर बोइन्ग विमानों के लिए ही दी गई है। भविष्य में इसका बड़े लेवल पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेजर बम के बाद हथियारों के क्षेत्र में ये दूसरी सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। ये हथियार जल्दी ही काफी दूर से भी मार करने में सक्षम कर दिया जाएगा। इसके आलावा इसके छोटे छोटे प्रोटोटाइप भी तैयार किए जा रहे हैं जो आत्मघाती बम हमलों को रोकने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं।